एक महिला वर्ष के लगभग हर महीने माहवारी से गुज़रती है, जो कि उसके मेनोपॉस यानि कि रजोनिवृत्ति तक जारी रहता है| माहवारी या पीरियड्स महिला के प्रजनन चक्र का सामान्य हिस्सा है| हालांकि, भारत की लड़कियों और औरतों को इस मासिक चक्र का सामना अकेले और ख़ामोशी से करना पड़ता है| यह अलगाव माहवारी से जुड़ी ग़लत धारणाओं और रोक-टोक के कारण होता है, जिसके कारण महिलाओं को इसकी पूरी जानकारी नहीं मिल पाती|,

माहवारी को समझना महिला के स्वास्थ्य का एक अत्यावश्यक पहलू है| इस ब्लॉग में, हम माहवारी से जुड़ी बुनियादी जानकारी पर नज़र डालेंगे, ताकि आप अपने मासिक चक‘ को बेहतर समझ सकें|

माहवारी या पीरियड्स योनि के मार्ग से गर्भाशय (बच्चेदानी) की ऊपरी परत के निकलने की प्रकि‘या है| ,, रक्त का यह बहाव २-७ दिनों तक जारी रहता है और महिला अपनी माहवारी के दौरान ३०-४० मिली रक्त खो देती है, लेकिन इस मात्रा में अंतर संभव है, और कुछ महिलाओं की माहवारी अन्य के मुक़ाबले कम या ज़्यादा बहाव वाली हो सकती है, जो बिल्कुल सामान्य है|,६ 


अगर आप गंभीर ऐंठन
, उबकाई या अन्य समस्याओं का सामना नहीं कर रही हैं, तो संभवतः आपके रक्त के बहाव की मात्रा सामान्य है| लड़कियों की माहवारी की शुरुआत १० से १४ वर्ष की उम‘ के बीच होती है, जिसे मेनार्क कहा जाता है|, तब से, महिला की माहवारी हर महीने होती है, जब तक कि उम्र के ४० या ५० के दशक में वह पूरी तरह बंद न हो जाये, जिसे मेनोपॉस यानि कि रजोनिवृत्ति कहा जाता है|,

मासिक चक‘ एक मासिक प्रक्रिया है, जो महिला के शरीर को गर्भावस्था के लिये तैयार करती है| मासिक चक्र की शुरुआत माहवारी के पहले दिन से होती है, जो अगली माहवारी के पहले दिन ख़त्म हो जाता है| यह चक्र लगभग २८ दिन चलता है, लेकिन यह २१ से ३५ दिन तक का हो सकता है| ,


अगर आपकी रक्तस्राव की अवधि और मासिक चक्र का समय अलग है
, तो चिंता न करें, मासिक चक्र हर महिला के लिये अलग होता है और महिला के प्रजनन के वर्षों के दौरान बदलता रहता है| सिर्फ १०%-१५% महिलाओं का मासिक चक‘ ठीक २८ दिनों का होता है| याद रखें, हर व्यक्ति अलग होता है!

हालांकि माहवारी महिला के जीवन का एक प्राकृतिक हिस्सा है, लेकिन इसमें पेट के निचले हिस्से, कमर और जांघों के दर्द, मिजाज़ बदलने, सुस्ती, पेट फूलने, मुहाँसों जैसी परेशानियाँ भी शामिल होती हैं| माहवारी के लिये तैयार रहने पर आप अपनी माहवारी का बेहतर प्रबंधन कर सकती हैं|

 

  • हमेशा अपने पास अतिरिक्त माहवारी के कपड़े/पैड/टैम्पॉन रखें, और नियमित रूप से उन्हें बदलें|
  • हर रोज़ स्नान और पैड बदलने के बाद साबुन और पानी से हाथ धोकर स्वच्छता बनाये रखें|
  • तैयार रहने के लिये एक कैलेंडर पर मासिक चक‘ के निशान लगायें|